Tuesday, 21 April 2015

हरियर छत्तीसगढ़: अरबों खर्च उपलब्धि शून्य


0 नए वर्ष में 8 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
0 उद्योगों ने फिर नहीं पूरा किया लक्ष्य
0 वन विभाग हर वर्ष खर्च करता है 150 करोड़
रायपुर। मानसून के आगमन के पूर्व हरियर छत्तीसगढ़ की रस्मीतौर पर समीक्षा बैठक की गई जिसमें मुख्यमंत्री ने इस वर्ष राज्य में 8 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य दिया। महानदी भवन मंत्रालय में हुई समीक्षा बैठक में औद्योगिक प्लांटेशन पर कोई चर्चा नहीं की गई। राज्य के निर्माण के साथ शुरू हुए हरियर छत्तीसगढ़ अभियान में अरबों रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन न तो राज्य में हरियाली ही दिखी और न ही वातावरण के तापमान में एक डिग्री की भी कमी आंकी गई।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने महानदी भवन में हरियर छत्तीसगढ़ की समीक्षा बैठक ली और आगामी मानसून में राज्य में 8 करोड़ 02 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया । मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पौधों की नर्सरी समय पर तैयार हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने पौध रोपण से ज्यादा उनकी सुरक्षा पर ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण में बड़े आकार के पौधे लगाए जाएं, इससे उनके जीवित होने की संभावना ज्यादा होती है।
इस समीक्षा बैठक की सबसे बड़ी बात यह रही कि समीक्षा बैठक में उद्योगपतियों को पौधा रोपण के लिए दिए जाने वाले लक्ष्य की कोई चर्चा नहीं की गई। हम यहां बता दें कि आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जब से राज्य बना है तब से हरियर छत्तीसगढ़ का कार्यक्रम राज्य में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में अकेले वन विभाग प्रतिवर्ष 150 करोड़ की राशि खर्च करता है। जबकि अन्य विभाग अपने पर्यावरण मद से पौधे लगाने में खर्च करते हैं। इसके अलावा औद्योगिक सामूदायिक विकास (सीएसआर) के तहत राज्य के उद्योगों को भी पौधे लगाने का जिम्मा दिया जाता है। लेकिन औद्योगिक इकाइयां कभी भी अपना लक्ष्य पूरा नहीं करती हैं। वहीं वन विभाग भी हर वर्ष उन्हीं क्षेत्रों में फिर से पौधा रोपण कर मामले की इतिश्री कर देता है और परिणाम सिफर होता है।

ग्रीन इंडिया मिशन भी साथ-साथ
प्रधान मुख्य वन संरक्षक राम प्रकाश ने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर आधारित 'हरियर भारतÓ मिशन (ग्रीन इंडिया मिशन) छत्तीसगढ़ में भी संचालित है।  इस मिशन के तहत राज्य में प्रथम वर्ष में ग्यारह वन मंडलों का चयन किया गया था जिसमें वन मंडलों की 80 वन प्रबंधन समितियों और गांवों को हरियर भारत मिशन में जोड़ा गया। इस मिशन के लिए चयनित वनमंडलों में कवर्धा, बिलासपुर, मरवाही, कटघोरा, बस्तर, कांकेर, दक्षिण कोण्डागांव, रायपुर, पूर्व रायपुर, उत्तर सरगुजा और दक्षिण सरगुजा शामिल हैं। चयनित वन मंडलों मेें ग्यारह लैण्ड स्केप के प्रॉस्पेक्टिव प्लान तैयार कर 171 करोड़ 87 लाख रूपए के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गए थे। इस मिशन में इस वर्ष 20 करोड़ रुपए मिलेंगे।

उद्योगों ने नहीं पूरे किए लक्ष्य
श्री प्रकाश ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी उद्योगों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। उद्योगपतियों को जुलाई में हर साल लक्ष्य दिए जाते हैं। हम बता दें कि सड़कों के किनारे पौधा लगाने के लिए प्रति किलोमीटर नौ लाख रुपए की लागत आती है तथा प्रति किलोमीटर लम्बाई में दो हजार पौधे लगते हैं। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पिछले वर्ष निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप सभी औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अगले दस दिनों में इस दर से वन विकास निगम में राशि जमा कराने का निर्देश दिए थे, लेकिन इस समीक्षा बैठक में इसकी चर्चा तक नहीं की गई।

44 फीसदी हिस्से में तो पहले से हैं वन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के कुल क्षेत्रफल का 44 फीसदी हिस्सा वनों से घिरा हुआ है। इसमें क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए कैम्पा मद से अलग से राशि खर्च हो रही है। इसके अलावा हरियर छत्तीसगढ़ योजना के तहत वन विभाग समेत अन्य विभाग हर साल करोड़ों पौधे लगा रहे हैं।

हरियर छत्तीसगढ़ में लगे 5 करोड़ पौधे
हरियर छत्तीसगढ़ के तहत राज्य में पिछले साल 5 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। हरियर छत्तीसगढ़ प्रदेश को हराभरा करने का कार्यक्रम है यह राज्य के अस्तित्व में आने के समय से ही प्रदेश में चलाया जा रहा है। वन विभाग इसमें प्रतिवर्ष 150 करोड़ रुपए खर्च करता है।
राम प्रकाश
प्रधान मुख्य वन संरक्षक

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