Saturday, 11 April 2015

राज्य में शुरू की जाएगी जामवंत परियोजना



0 विभाग को मिली प्रशासनिक अनुमति
रायपुर। वन विभाग राज्य में भालुओं की अधिकता को देखते हुए भालुओं एवं मानवों का द्वंद्व कम करने के लिए जामवंत परियोजना शुरू करेगा। इस संबंध में प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो  चुकी है।
उपरोक्त जानकारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक राम प्रकाश ने जनता से रिश्ता को दी। श्री प्रकाश ने बताया कि विभाग की कैम्पा योजना के तहत राज्य के 4 वन मंडलों में 23 करोड़ की लागत से जामवंत परियोजना लाई जा रही है। प्रदेश में आए दिन रीछ एवं मानवों के बीच द्वंद्व के कारण कई मौतें तक हो चुकी हैं। राज्य के कई हिस्सों में भालुओं के काटने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। इसलिए विभाग यह योजना ला रहा है। वास्तव में वनों के कम होने से रीछों का मानव बस्ती की ओर ऱूख हो रहा है इसका ही परिणाम भालुओं एवं मानव द्वंद्व के रूप में सामने आ रहा है। राज्य में जामवंत परियोजना लाने का प्रमुख कारण भालुओं की अधिकता है यहां राष्ट्रीय प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर 12 भालुओं के मुकाबले 23 भालू प्रति 100 वर्ग किलोमीटर तक का रहवास है। इस परियोजना में भालुओं की गुफाओं को चिन्हिंत कर उन्हें वहीं व्यवस्थान का कार्य किया जाएगा।  


यहां लागू होगी योजना

वन मंडल- परिक्षेत्र

मरवाही-मरवाही, पेन्ड्रा, गौरेला

कटघोरा-पसान, जटगा एवं केंदई

कोरिया
- खडगंवा, चिरमिरी, बैकुंठपुर, देवगढ़

मनेन्द्रगढ़- मनेन्द्रगढ़

कवर्धा- कवर्धा , पंडरिया
इसके अलावा जशपुर तथा कांकेर के कुछ हिस्से को भी शामिल किया गया है।



ये काम होंगे

0 भालुओं के रहवास की व्यवस्था

0 फलदार पौधों का रोपण

0 जल स्रोत का निर्माण

0 गुफाओं की पहचान एवं प्रबंधन

0 मानव-भालू द्वंद्व की रोकथाम

0 क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण कार्य

0 भालू सहायता केन्द्र ।


मुआवजा राशि में की गई बढ़ोतरी

परियोजना के लागू होने से भालुओं के हमले से मृत के परिजनों के मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की गई है। इसके तहत अब 2 लाख को बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया है वहीं घायलों को अब 20 हजार रुपए की जगह अब 40 हजार रुपए मिलेंगे।
डा.रमन सिंह
मुख्यमंत्री (सोमवार को सदन में की घोषणा के अनुसार)

क्या है कैम्पा
राज्य क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (ष्ट्ररूक्क्र) केन्द्र प्रवर्तित योजना है। प्रदेश में क्षतिपूर्ति वनीकरण एवं प्रत्याशा मूल्य के रूप में विभिन्न संस्थानों द्वारा जमा की गई राशि के योजनाबद्ध उपयोग हेतु राज्य क्षतिपूर्ति वनीकरण, कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (ष्ट्ररूक्क्र) का गठन जुलाई, 2009 में किया गया है। इस प्राधिकरण द्वारा नई दिल्ली स्थित ्रस्र-द्धशष् ष्टड्डद्वश्चड्ड में कुल 1883.68 करोड़ की राशि अब तक जमा की गई है, जिसके विरुद्ध भारत सरकार द्वारा ्रस्र-द्धशष् ष्ट्ररूक्क्र मद से राज्य कैम्पा को  357.98 करोड़ का आबंटन किया गया है। राज्य कैम्पा द्वारा अनुमोदित वार्षिक योजनाओं के आधार पर इस राशि का उपयोग क्षतिपूर्ति वनीकरण, वनों के संरक्षण एवं संवर्धन, वानिकी विस्तार, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, वन्य जंतु संरक्षण, विभागीय अधोसंरचना विकास, वन सुरक्षा तथा सूचना प्रौद्योगिकी के विकास में किया जा जाता है।

राज्य में 23 भालू प्रति 100 वर्गकिलोमीटर की उपस्थिति

जामवंत परियोजना भालुओं से अत्यधिक प्रभावित राज्य के चार वनमण्डल- मारवाही, कटघोरा, कोरिया और मनेन्द्रगढ़ वनमण्डलों में क्रियान्वित होगा। इसके अलावा जशपुर एवं कांकेर के कुछ हिस्से को भी शामिल किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में भालुओं की संख्या लगभग दस हजार है। राष्ट्रीय औसत 12 प्रति एक सौ वर्ग किलोमीटर की तुलना में मरवाही क्षेत्र में 23 भालू प्रति एक सौ वर्ग किलोमीटर हैं।

प्रसाद खाने आते हैं भालू
बागबहरा क्षेत्र के  घूंचापाली गांव के मंदिर में प्रतिदिन जंगली भालू का एक दल प्रसाद खाने आता है। इस समूह की मानवों के बीच उपस्थिति अतर्राष्ट्रीय चर्चा का विषय है।

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