Monday, 6 April 2015

खाद्यान्न-योजना में बदलाव से धान खरीदी पर असर पड़ेगा


रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में चलाई जा रही खाद्यान्न योजना में बदलाव करने से प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर असर पडऩे की आशंका किसान संघों ने जताई है। इस योजना में बदलाव से राज्य को ही खाद्यान्न की कम जरूरत पड़ेगी जिसका सीधा असर किसानों से न्यूनतम मूल्य पर की जाने वाली सरकारी धान खरीदी पर पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि शासन ने कल अपने चर्चित पीडीएस सिस्टम में बदलाव करते हुए प्रति परिवार 35 किलो खाद्यान्न की जगह नेशनल फुट सिक्यूरिटी एक्ट की तरह ही प्रति व्यक्ति 5 किलो की जगह 7 किलो खाद्यान्न देने का फैसला किया है। इस बदलाव में एपीएल तथा साधारण कार्डधारियों के खाद्यान्न नहीं देने का फैसला लिया गया है। इस निर्णय से राज्य के पीडीएस सिस्टम में 5 लाख टन कम खाद्यान्न की जरूरत पड़ेगी, जिसका कहीं न कहीं असर सरकार के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर असर पड़ेगा।
डा.संकेत ठाकुर ने इस बदलाव का स्वागत करते हुए कहा कि  एक रुपए प्रतिकिलो में 35 किलो खाद्यान्न प्रति परिवार देने की योजना से लोगों में शराब खोरी बढ़ रही थी। इस योजना में बदलाव पर एग्रीकान संस्था के अध्यक्ष डा.संकेत ठाकुर ने कहा कि बदलाव से राज्य के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि आने वाले साल में सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करना ही नहीं चाहती है। सरकार ने अपने बजट में धान खरीदी के लिए किसी तरह के बजट का कोई प्रावधान नहीं रखा है। सरकार सीधे इस योजना के लिए राइस मिलरों से चावल खरीदेगी और उसे किसानों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों के बजट में सरकार ने धान खरीदी के लिए अलग से बजट का प्रावधान नहीं किय है जोकि इससे पूर्व के बजट में किया करती थी।
वहीं दूसरी तरफ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार हमसे यदि कम चावल खरीदेगी तो राइस मिलरों को तकलीफ होगी। और सरकारी धान खरीदी की योजना में इस बदलाव से कोई फर्क पड़ेगा कि नहीं इस पर कहना जल्दबाजी होगी।
इस बदलाव पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि रमन सरकार को खाद्यान्न योजना को तामिलनाडु सरकार की तरह यूनिवर्सल बनाना था इसमें बिना की भेदभाव के सभी को 7 रुपए प्रतिक्विंटल चावल देते तब भी सरकार को प्रतिवर्ष 1680 करोड़ का फायदा होता। बड़ी-बड़ी बात करने वाली रमन सरकार नेशनल फुड सिक्योरिटी की राह पर आई अच्छी बात है। श्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि खाद्यान्न योजना में बदलाव से किसानों से धान खरीदी पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि धान खरीदी सेंट्रल पूल के लिए खरीदी जाती है। यह खरीदी बैंकों से कर्ज लेकर की जाती है लेकिन देर होने के कारण हमेशा यह योजना घाटे पर चलती है।
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चे के संयोजक जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि डा.रमन सिंह की खाद्यान्न योजना प्रदेश में सरकार लाने के लिए चलाया गया गोरखधंधा था। पूरे देश विदेश में वाहवाही लूटने के बाद अब इसमें बदलाव किया जा रहा है। इस वर्ष सरकार ने किसानों से 15 क्विंटल धान खरीदा है आने वाले समय में सरकार 10 क्विंटल भी खरीद सकती है ताकि केवल तकाबी वसूल हो जाए बस। उनका मानना है कि योजना में बदलाव का असर धान खरीदी पर जरूर पड़ेगा।

बोनस नहीं देने पर खरीदेगा केन्द्र सेंट्रलपूल का खाद्यान्न
केन्द्र सरकार द्वारा पिछले दिनों आए सर्कुलर के अनुसार जिन राज्यों में न्यूनतम मूल्य पर खाद्यन्न खरीदी के बाद बोनस दिया जाता है ऐसे सम्पन्न राज्यों से सेन्ट्रल पूल का खाद्यान्न खरीदने से परहेज किया जाएगा। शांताकुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी के अनुसार छत्तीसगढ़ से सेन्ट्रल पूल का खाद्यान्न न खरीदने की सिफारिश की गई है। इसी का परिणाम कि राज्य ने इस वर्ष किसानों को धान का बोनस नहीं दिया है चूंकि सेंट्रल पूल में धान कम खरीदी होगी और राज्य में कम खाद्यान्न की जरूरत होगी तो ऐसे में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में असर पड़ सकता है।

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